Showing posts with label यूं ही. Show all posts
Showing posts with label यूं ही. Show all posts

Jun 21, 2015

दो मुट्ठी बातें...

गर्मियों की रातें,
दो मुट्ठी बातें।

Aug 13, 2010

अकेले शाम को..

तुझे देख नही पाता कोई,

शाम सडक ने फिर पूछा..

अब अकेले आते हो..?