मैं किसी को प्रसन्न या हताश करने हेतु नही लिखता हूं, मैं वही लिखता हूं जो मुझे ठीक लगता है, आवश्यक नही कि कोई उस से सहमत अथवा असहमत हो...
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Apr 14, 2019
Mar 14, 2019
आचरण से वामपंथी और भाषणो में लोकतांत्रिक
आपको लगता है कि ममता बनर्जी के शासन संभालने के बाद बंगाल में वामपंथी शासन समाप्त हो गया था? यही बात अखिलेश शासन काल के लिये सोच कर देखिये, क्या वह एक लोकतांत्रिक दल होने के नाते समाजवादी विचारधारा पर काम कर रहा था? यही बात मध्य प्रदेश और राजस्थान की नई सरकार के बारे में विचार कर के देखें, क्या वो गांधी जी या शास्त्री जी वाली कांग्रेस की किसी भी विचारधारा से मेल खाते हुए शासन कर रहे हैं? कर्नाटक सरकार का शासन लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हुए शासन चला रहा है? इन सब पर विचार करें तो यही आभास होता है कि लोकतांत्रिक दल होने के बाद भी इनकी कार्यशैली में वामपंथ ने तेजी से पैर पसार लिये हैं।
Jan 2, 2019
2019, ईको सिस्टम और समाज की तैयारी
समाज वोट देकर सत्तायें बनाता है और हटाता है, 2019 एक बार फिर सरकार को दोबारा बनाने या हटाने के अधिकार का वर्ष है। सरकार से भी परे यह निर्णय देश और समाज की दिशा को निर्धारित करने, सत्ता द्वारा देश और समाज को लाभ होगा या नही इसको भी सुनिश्चित करने वाला है। सतह से देखने पर यह एक चुनाव और सरकार के चुनने की प्रक्रिया मात्र लगता है लेकिन कुछ दलों के लिये, और पिछले 70 वर्षों में उनके द्वारा बिछाये गये तंत्रजाल के लिये, यह अस्तित्व के बने रहने का भी प्रश्न है। दैनिक जीवन की कठिनाईयों से जूझते समाज का एक बड़ा भाग चुनाव के दौरान या उसके पहले के बने वातावरण से प्रभावित होता रहा है। यही कारण है कि 60 साल तक देश में राष्ट्रीय भाव रखने वाली सत्ता का अभाव रहा, और जब यह भाव सत्ता में ही नही था तो समाज में भी यह भाव जागरूकता के स्तर पर नही रहा।
Jan 17, 2015
पूर्व मंत्री की पोर्नसाइट बंद, यूजर्स मे भारी गुस्सा ।
मोदी सरकार की पोर्न साइट पर प्रतिबंध लगाने के अंदेशे के कारण एक पूर्व मंत्री द्वारा बनाई गयी वेबसाइट के यूजर्स मे बहुत आक्रोश है, एक गुप्त स्थान पर हुई चर्चा मे उन्होने कहा कि वेबसाइट के आकर्षक अफ्रीकी मॉडलों को देख कर उन्होने विडियो डाउनलोड करने के अधिकार खरीदे थे, लेकिन पूर्व मंत्री ने मॉडलों के विडियो का बकाया नही दिया, मांगने पर मारपीट की, इसलिये मॉडलों ने विडियो के कॉपी राइट के लिये मंत्री जी को कोर्ट मे खींचने की धमकी दी जिससे गुस्साकर मंत्री जी ने वेबसाइट बंद की है। यूजर्स का कहना है कि मंत्री जी के लालच की सजा उनको क्यों मिले? यदि साइट चालू नही की गयी तो वो अपनी पुरानी पार्टी को वोट देंगे जिसने मंत्री जी को सरकार मे समर्थन दिया था। उधर मंत्री जी को पोर्नसाइट से होने वाली आय पर गिरी गाज से बहुत धक्का लगा है और कोढ में खाज ये है कि उनकी पार्टी ने उनसे मिलने वाले चंदे में बढोत्तरी की मांग की है।
Jan 17, 2012
राजनैतिक शून्य और विकल्पहीनता...
अंततः जैसा अपेक्षित था, आगामी माह मे होने चुनावों के प्रपंच अपनी चरम सीमा पर पहुंचने लगे हैं, और इन सभी प्रपंचो का एक मात्र लक्ष्य सत्ता पर पहुंचना है. जो भारतीय समाज के लिये अनावश्यक और अवांछनीय है, क्योंकि सत्ता पर कोई भी पहुंचे उसका आचरण बदलने की संभावना असंभव लगती है.
Dec 26, 2011
फोटो के संबंध..
आर एस एस को स्वघोषित परिभाषा के अनुसार सोचने वाले व्यक्तियों का एक समूह, (जो संघ का मात्र इस हेतु से प्रतिकार करता है क्यों कि उसके वैचारिक दृष्टिकोण के उत्तर इस समूह के पास नही होते) अब एक ठहाका लगाने योग्य प्रमाण को ले कर अन्ना को संघ के साथ संबंधित करना चाहता है. किंतु यदि ये मान भी लिया जाये कि दो व्यक्तियों की फोटो एक साथ होने के कारण दोनो के वैचारिक दृष्टिकोण आपस मे मिलते हैं तो इस तर्क से राहुल गांधी की फोटो जो कि एक अपराधी के साथ थी, स्वयं मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और उनके दलों के सभी राष्ट्रभक्तों की फोटो नारायण दत्त तिवारी जी के साथ भी उपलब्ध है (क्या ये माना जाये कि वो भी नारायण दत्त तिवारी की तरह अपने पद और शक्ति का उपयोग करते हैं) राजीव गांधी सोनिया गांधी की फोटो भी क्वात्रोचि के साथ भी उपलब्ध हो सकती है, अर्जुन सिंह की फोटो एंडरसन जैसे हत्यारे के साथ उपलब्ध हो सकती है, और सिर्फ फोटो ही क्यों, कांग्रेस के एक विधायक की तो १३९ सीडी भंवरी देवी के साथ उपलब्ध है तो क्या कांग्रेस के समस्त आंदोलनो के लक्ष्य भी उस सीडी के आधार पर घोषित कर दिया जाये?
Jul 3, 2011
अन्ना तुम तो सही हो पर...
अन्ना तुम फिर से हमारा आह्वान कर के जंतर मंतर पर जा रहे हो, हम फिर से आ जायेंगे लेकिन कहीं कुछ टीस रहा है, विश्वास कहीं कुछ कमजोर सा हो गया है. पिछली बार हम आये थे क्योंकि तुम हमारे लिये अनशन पर थे, इस बार भी तुम्हारे अनशन का कारण हम ही हैं लेकिन शंका तुम्हारे साथ के लोगों पर होने लगी है.
Apr 23, 2011
जंतर मंतर पर बैठा सवाल..
वो सब जो अपने अपने काम छोड़ कर अन्ना को समर्थन देने आये थे और अन्ना हजारे, सभी वापस चले गये। सत्ताओं मे मची हलचल अभी शांत नही है, सत्तायें अभी व्यस्त हैं , इस अचानक आई अस्वाभाविक आपदा और चुनौति का सामना करने के लिये साधनो की खोज जारी है. कुछ ने हथियार डाल दिये हैं और स्वीकार कर लिया है कि वो अन्ना के बिल को समर्थन देने को तैयार हैं और कुछ प्रतीक्षा करो और देखो की नीति पर चल रहे हैं।
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