Jan 17, 2015

पूर्व मंत्री की पोर्नसाइट बंद, यूजर्स मे भारी गुस्सा ।

मोदी सरकार की पोर्न साइट पर प्रतिबंध लगाने के अंदेशे के कारण एक पूर्व मंत्री द्वारा बनाई गयी वेबसाइट के यूजर्स मे बहुत आक्रोश है, एक गुप्त स्थान पर हुई चर्चा मे उन्होने कहा कि वेबसाइट के आकर्षक अफ्रीकी मॉडलों को देख कर उन्होने विडियो डाउनलोड करने के अधिकार खरीदे थे, लेकिन पूर्व मंत्री ने  मॉडलों के विडियो का बकाया नही दिया, मांगने पर मारपीट की, इसलिये मॉडलों ने विडियो के कॉपी राइट के लिये मंत्री जी को कोर्ट मे खींचने की धमकी दी जिससे गुस्साकर मंत्री जी ने वेबसाइट बंद की है। यूजर्स का कहना है कि मंत्री जी के लालच की सजा उनको क्यों मिले? यदि साइट चालू नही की गयी तो वो अपनी पुरानी पार्टी को वोट देंगे जिसने मंत्री जी को सरकार मे समर्थन दिया था। उधर मंत्री जी को पोर्नसाइट से होने वाली आय पर गिरी गाज से बहुत धक्का लगा है और कोढ में खाज ये है कि उनकी पार्टी ने उनसे मिलने वाले चंदे में बढोत्तरी की मांग की है।



इसी विषय पर पार्टी की एक आपात बैठक बुलाई गयी जिसमे मंत्री जी ने कहा कि एक ओर तो उनको पार्टी प्रतिष्ठा बनाने के नाम पर धंधा नही करने दिया गया, दूसरी ओर उनसे चंदा भी दोगुना मांगा जा रहा है, लेकिन जो दूसरा छरहरा नेता जगह जगह सम्मेलनों मे अपनी पुरानी कवितायें गा कर दोगुना पैसा ले रहा हैं, उससे कुछ नही मांगा जा रहा है। मंत्री जी कहना था कि उनके धंधे कविता पाठ की तरह नही है कि एक ही कविता को पचास जगह गा कर पचासों जगह से पैसा लिया जा सके। यदि उनको फिर से पुराने धंधे मे लौट आने दिया जाये तो वह लोगों को वेबसाइट की मॉडल की ओर से फोटो के साथ मेल भेज कर उनको पार्टी को वोट देने के लिये अपील कर सकते हैं। ऐसा करने से यूजर्स को पैसे भी नही लौटाने पड़ेंगे और पार्टी का वोट बैंक भी बढ जायेगा। लेकिन इस क्रांतिकारी सुझाव को कोर कमेटी ने भारी मन से रिजेक्ट कर दिया। एक नेता ने खड़े हो कर भरे मन और भरी आंखो से कहा कि ये पार्टी हमारी मां है, इतना कहते ही अचानक बहुत शोर हुआ, कुछ नेताओं ने उसके कपड़े फाड़ डाले और उस पर आरोप लगाया कि ये मोदी का आदमी है, इसने मोदी का डॉयलॉग सुना है और उसको पार्टी मे लागू करने की कोशिश कर रहा है। शोर के साथ कुछ युवा नेता इतने अधिक आक्रोशित हुए कि उन्होने लाल रंग के झंडे लहराने शुरु कर दिये, कुछ को लगा कि उनके ऊपर कोई रबड़, चमड़े और प्लास्टिक के चप्पल जूते हथियारों की तरह फैंक रहा है। जोर जोर से क्रांति क्रांति और खांसने की आवाजें आ रही थी। आधा घंटा बाद जब कुछ क्रांतिकारी लोग भाग गये और कुछ बचे रह गये तब क्रांति के अवशेष वहां जगह जगह पड़े मिले।

जब सभी नेता धूल झाड़् कर खड़े हो गये तो सभा पुनः आरंभ हुई, उसके बाद यह तय हुआ कि इस प्रकार पार्टी नेताओं से चंदा मांगना ठीक नही है, अतः पार्टी के सभी लोग दूसरे के पैसों पर दिन का खाना, रात का खाना, सुबह की चाय, शाम की कॉफी का जुगाड़ करें और अगर मौका लगे तो देर रात का दूध और सुबह उठते की चाय की व्यवस्था भी दूसरों के पैसे से करें, ऐसा करने से नेताओं के खाने पर होने वाला व्यय भी बचेगा और क्रांति के लिये पैसे का जुगाड़ भी हो सकेगा। इसी के साथ सभी नेताओं को खाना दे सकने वाले लोगों की लिस्ट बनाने को कहा गया। कुछ नेताओं ने उस लिस्ट मे भी धांधली का आरोप लगाया कि जो लोग अच्छा खाना खिलाते हैं, उनको राष्ट्रीय नेता अपनी लिस्ट मे डाल रहे हैं और बासी खाना, बचा हुआ भात, इस्तेमाल की हुई पत्ती की चाय देने वाले लोगों को राज्य और प्रांत स्तर के नेताओं की लिस्ट मे डालने को कहा जा रहा है। अतः अंत मे यह तय हुआ कि बारी बारी से व्यक्ति अच्छा खाना देने वालों के पास जायेंगे, एक बार अच्छा खाना खा लेने के बाद कोई भी नेता दोबारा अच्छा खाना नही खायेगा जब तक वह एक बार खराब खाने की बारी पूरी नही करेगा। ऐसा करने से सभी को समान रूप से मौका मिलेगा और इसी के लिये तो पार्टी काम कर रही है कि सबको बराबरी का हक मिले। ऐसा कह कर पार्टी मे समानता होने का दावा करते हुए बैठक समाप्त हुई।

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