Aug 17, 2016

अपने अखंड स्वरूप की ओर बढता भारत...

हम मे से कई लोग ऐसे हैं जो 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर दासता से मुक्ति का उत्सव तो मनाते हैं, लेकिन मन मे कहीं एक टीस है जो याद दिलाती है कि उस दिन हमारा देश खंडित हुआ था। कम से कम स्वतंत्रता सेनानियों ने खंडित भारत की कल्पना भी नही की होगी, स्वतंत्रता के बाद विदेशियों के प्रशासनिक अधिकारियों को ही प्रशासन संभालने देना मानसिक दासता का ही एक प्रमाण था। उस समय के तथाकथित स्वयंभू स्वतंत्रता सेनानियों ने मात्र स्वयं को ही स्वतंत्रता सेनानी कहलवाने का षडयंत्र किया और प्रशासन संभालने के लिप्सा में खंडित भारत स्वीकार किया।

Feb 18, 2016

एक पत्रकार की कथा...

मीडियाई सिद्ध हैं।

रक्त पीते गिद्ध हैं।।

दारू बोटी चलती है।

शाम शराब में ढलती है।