Sep 16, 2012

आंदोलन को निगलती राजनैतिक महत्वाकांक्षा


सरकारी कारगुजारियों से परेशान हो स्वतंत्रता के बाद भारत मे ३ ऐसे आंदोलन हुए जिन्होने सत्ता परिवर्तन किये हैं, और तीनो बार ही सत्ता परिवर्तन आंदोलनों के द्वारा जनजागरण कर के संभव हो सके. ७० के दशक अंत मे हुआ सत्ता परिवर्तन जेपी के संपूर्ण क्रांति के आह्वान के आंदोलन द्वारा, १९८९ मे बोफोर्स कांड और भ्रष्टाचारियों के बचाव के प्रयासों से त्रस्त हो वीपी सिंह के आंदोलन द्वारा और १९९९ मे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के आंदोलन ने ऐसा ऐसा संभव किया, किंतु सत्ता परिवर्तन के बाद भी भारतीय जनमानस त्रस्त ही रहा. इन आंदोलनों का तात्कालिक परिणाम सत्ता परिवर्तन के रूप मे दिखा किंतु इन्हीं आंदोलनो को सीढी बना कर अनेको व्यक्तियों ने स्वयं को राजनैतिक पटल पर स्थापित किया.

Sep 5, 2012

आई.ए.सी. और टीम केजरीवाल

लगभग ढाई वर्ष पूर्व कुछ लोगों ने फेसबुक पेज के माध्यम से एक आंदोलन की परिकल्पना की, और तकनीकि रूप से कुशल व्यक्तियों ने इस विचार को फेसबुक के माध्यम से आम लोगो का आंदोलन बनाया और इसे आई..सी. नाम दिया, किंतु ४ अगस्त २०१२ को आई..सी. के अंदर के ही एक समूह की महत्वाकांक्षा ने इस आंदोलन को निगल डाला. यहां यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि आई..सी. वह टीम नही है, जिसे केजरीवाल टीम ने कोर टीम का नाम दिया था. आई..सी. एक आम नागरिकों का आंदोलन है जो कि इसने आंदोलन शुरु करने से पहले ही घोषित कर दिया था, जब केजरीवाल जी भी इस आंदोलन का हिस्सा नही थे, टीम केजरीवाल ने इस आई..सी. के अंदर अपनी एक कोर टीम बना कर उसे ही आई..सी. का कर्ता धर्त्ता होने का प्रचार प्रसार किया है, इस कारण से जिन्हें आई..सी. के बनाये जाने के कारणो और उसकी कार्यशैली का ज्ञान नही है वह टीम केजरीवाल को ही आई..सी. होने के भ्रम को सत्य मानते हैं.