आर
एस एस को स्वघोषित परिभाषा
के अनुसार सोचने वाले व्यक्तियों
का एक समूह, (जो
संघ का मात्र इस हेतु से प्रतिकार
करता है क्यों कि उसके वैचारिक
दृष्टिकोण के उत्तर इस समूह
के पास नही होते)
अब एक ठहाका
लगाने योग्य प्रमाण को ले कर
अन्ना को संघ के साथ संबंधित
करना चाहता है.
किंतु यदि ये
मान भी लिया जाये कि दो व्यक्तियों
की फोटो एक साथ होने के कारण
दोनो के वैचारिक दृष्टिकोण
आपस मे मिलते हैं तो इस तर्क
से राहुल गांधी की फोटो जो कि
एक अपराधी के साथ थी,
स्वयं मनमोहन
सिंह, सोनिया
गांधी और उनके दलों के सभी
राष्ट्रभक्तों की फोटो नारायण
दत्त तिवारी जी के साथ भी उपलब्ध
है (क्या
ये माना जाये कि वो भी नारायण
दत्त तिवारी की तरह अपने पद
और शक्ति का उपयोग करते हैं)
राजीव गांधी
सोनिया गांधी की फोटो भी
क्वात्रोचि के साथ भी उपलब्ध
हो सकती है,
अर्जुन सिंह
की फोटो एंडरसन जैसे हत्यारे
के साथ उपलब्ध हो सकती है,
और सिर्फ फोटो
ही क्यों,
कांग्रेस के
एक विधायक की तो १३९ सीडी भंवरी
देवी के साथ उपलब्ध है तो क्या
कांग्रेस के समस्त आंदोलनो
के लक्ष्य भी उस सीडी के आधार
पर घोषित कर दिया जाये?